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20 Important Facts Maldives

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20 Important Facts Maldives

भारत की चंगुल में फैसा मालदीव 

20 important facts Maldives

भारत और मालदीव के बीच कई दिनों से विवाद चल रहा है। यह विवाद खत्म का होने का नाम ही नहीं ले रहा है। मालदीव  राष्ट्रपति “मोहम्मद मुइज्जू” ने हाल ही में “इंडिया आउट” नामक एक अभियान चलाया था। इस अभियान का उद्देश्य मालदीव से भारतीय सैनिकों को दूसरे देश के उकसावे पर बाहर निकालने का एजेंडा बनाया गया। अंतिम रूप से 10 मई तक भारतीय सैनिक मालद्वीप से बाहर जायेगे और उनके स्थान पर भारत का योग्य टेक्निकल स्टाफ आयेंगे। उसी दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे और प्रचार-प्रसार करने पर मालदीव की ओर से तीन मंत्रियों ने PM मोदी और भारतीयों को लेकर विवाद भरे रुमर फैलना शुरू किया था। तत्पश्चात् तीनों मंत्रियों को सदन से बाहर का रास्ता दिखाया गया। लेकिन मंत्रियों की इस विवाद भरे speech पर राष्ट्रपति का कोई प्रक्रिया प्रकट नहीं हुआ।

मालद्वीप दिवालिया का स्वाद -चख है

कुछ समय पहले रिपोर्ट आयी है कि मालदीव का बंटा धार हो गया है। इसकी जानकारी कुछ इस प्रकार प्राप्त हुआ। मालद्वीप ने स्वयं IMF से अपनी इस खराब स्थिति का साझा किया है।

मालद्वीप IMF से बेल आउट की माँग कर रहा है।

मालदीव अब इस कगार पर पहुँच चुका है कि वह IMF से “बेल आउट” लोन की माँग कर रहा है। भारत से विरोधी भरा पक्षपात से मालद्वीप की अर्थव्यवस्था को काफी तगड़ा झटका लगा है। इस स्थिति को काबू में लाने के लिए मालद्वीप देश IMF से “बेल आउट” लोन की गुहार लगा रही है।

भारत और मालदीव का संबंध 

एक जवाना ऐसा भी था जब मालदीव का संबंध भारत से काफी मजबूत स्थिति में था परन्तु मुइज्जू के आती ही स्थिति बिल्कुल भी विपरित हो गयी है। राष्ट्रपति के निर्णय ने भारतीय सेना हटाने के निर्णय ने मालद्वीप की स्थिति ही बदल दी। साथ ही मालदीव के मूर्खतापूर्ण मंत्रियों का भाषण भी आग में घी का काम किया

परिणाम स्वरूप भारत की कई Travelling कंपनियां मालद्वीप की सारी बुकिंग कैंसिल कर दी। असर यह हुआ कि मालद्वीप का पर्यटन ठप पड़ गया। पिछले वर्ष का data बताता है कि सबसे ज्यादा भारतीय लोग ही मालद्वीप घूमने के लिए जाते थे।

वर्तमान समय में

भारतीय का “स्थान 5 वे” पायदान पर आ गया है सिर्फ पर्यटन का ही नुकसान मालद्वीप का नहीं हुआ बल्कि मेडिकल, शिक्षा, और अन्य आवश्यक चीजें भी मालदीव को नहीं मिलने लगी. हालत यह हो गयी है मालदीव को श्रीलंका से चिकित्सा की सुविधा माँगना पड़ी.

बात करें पाकिस्तान की तो वह खुद कंगाली का कटोरा लेकर मालदीव को मदद का प्रस्ताव पेश कर रही है चीन मालद्वीप की मदद कर सकता है परन्तु चीन की दोस्ती मालदीव  के लिए रास नहीं आयेगा

43 भारतीय और 186 विदेशियों पर एक्शन

दरअसल नयी सर‌कार मुइज्जू ने 43 भारतीय नागरिकों को अपने देश से निकालने का फैसला किया है साथ ही 186 विदेशियों पर भी ड्रग्स से जुड़े अपराध करने का आरोप लगाया है। 43 भारतीय तथा 186 विदेशियों के लिए यह एक्शन मालद्वीप के लिए वीजा उल्लंघन को दर्शाता है।

मालदीव कौन से देश में पड़ता है?

मालदीव अधिकारिक तौर पर भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित हिन्द महासागर में स्थित है। यह एक द्वीपसमूह देश है। बात करें एशियाई महाद्वीप की मुख्य भूमि से लगभग 750 km दूर श्रीलंका और भारत के दक्षिण – पश्चिम में स्थित है। भारत के बड़े शहर कोच्चि से इसकी दूरी लगभग 1000km है। मालदीव में कुल द्वीपों की की संख्या संख्या 1192 है। अधिकतम द्वीपों पर कोई भी निवास नहीं करता है।

मालदीव की अवस्थिति मानचित्र पर कहाँ है था ग्लोब पर कहीं है?

Maldives

 

Maldives location

Credit-wikipedia

मालदीव क्यों प्रसिद्ध है? 

मालदीव में प्राकृतिक विविधता काफी मात्रा में उपलब्ध है।यहाँ एक निश्चित वनस्पति और भूमि वन्यजीवों का बहु‌तायत है। यहाँ जल जैविक और वाणिज्यिक मूल्य की दुर्लभ प्रजातियाँ भी प्रचुर मात्रा में है। यहाँ पाये जाने वाली टूना मछली जिसका व्यापक पैमाने पर उत्पादन किया जाता है यह देश का एक मुख्य वाणिज्यिक संसाधन माना जाता है.

मालदीव में क्या फेमस है?

मालदीव में फेमस –

[1] माले सिटी

[2] आर्टिफिशियल बीच

[3] नेशनल म्यूजियम

[4] माफुशी दीप

[5] फ्राइडे मस्जिद

[6] मीरु द्वीप

भारत से मालदीव कितना किलोमीटर दूर है एवं कितना खर्च लगता है? 

भारत से मालदीव की दूरी लगभग 2030km है।

यदि हम भारत से मालदीव जाने के लिए फ्लाइट का इस्तेमाल करते है तो 4 h और 3 मिनट का समय लगता है।

मालदीव घूमने के लिए कितना पैसा चाहिए? या मालदीव यात्रा की लागत कितनी है?

यदि आप एक सप्ताह के लिए मालदीव की यात्रा करना चाहते है तो लगभग 40,000 से 1,00,000 रुपये खर्च हो सकते हैं। यात्री भोजन पर लगभग 950 रु और स्थानीय यात्रा पर 500 रु खर्च आता है। यात्रा का सबसे अच्छा महीना नवंबर एवं अप्रैल को माना जाता है। मालदीव अपने यात्रियों या पर्यटक के लिए अच्छी रिसॉर्ट्स और विशेष सुविधा भी प्रदान करता है। मालद्वीव के पर्यटन एक बड़ा बिजनेस है। क्योंकि इन पैसे से देश की आर्थिक स्थिति में परिवर्तन लाया जाता है।

मालदीव इतना महँगा क्यों है?

मालदीव देश में संसाधनों की सीमित मात्रा है। पर्यटक के लिए कई प्रकार के सामानों का दूसरे देश से आयात की जाती है। परिमाणस्वरूप भोजन, पेय पदार्थ और अन्य सामानों की कीमते बढ़ जाती है।

क्या मालद्वीव एक सस्ता देश है?

नहीं मालदीव एक सस्ता देश नहीं बल्कि यह देश काफी महँगा है।

मालदीव में धर्म के आधार पर लोगों का वितरण 

स्वतंत्र देश मालदीव में 2020 के जनगणाना के आधार पर 98.69% लोग मुस्लिम धर्म को मानने वाले, 0.65 प्रतिशत बौद्ध, 0.29 प्रतिशत किश्चयन और मात्र 0.29 प्रतिशत ही हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग हैं।

मालदीव की राजधानी कहाँ है?

मालदीव की राजधानी माले हैं जिसका आबादी 103,693 है। यह सबसे बड़ा शहर माना जाता है। बताया जाता है कि एक जवाने में यहाँ राजाओं का शासन द्वीप था। यहाँ राजाओं का आलीशान महल होता था।

Male

Credit-wikipedia

मालदीव की भाषा क्या है?

मालदीव की राजकीय भाषा “दिवेही” है जो लगभग पूरी आबादी द्वारा बोला जाता है।

मालदीव का कुल क्षेत्रफल कितना है?

मालदीव एक छोटा-सा देश माना जाता है इसका क्षेत्रफल मात्र 300 km² है। यदि दिल्ली को देखे तो मालदीव से 5 गुना बड़ा है।

मालदीव की आबादी कितनी है?

मालदीव की आबादी लगभग 5 लाख से कुछ अधिक है और यहाँ दीपों की श्रृंखला है। लोग ज्यादातर छुट्टी मनाने के लिए “आईसलैण्ड” पर जाते हैं।

मालद्वीव की आबादी 2023 के अनुसार

521,021 होने का अनुमान है। यह जनसंख्या पूरे विश्व का लगभग 0.01 प्रतिशत है। जनसंख्या के आधार पर देशों की सूची में पूरे विश्व में 173 वे स्थान पर है। यहाँ का जनघनत्व 1737 प्रति वर्ग km है। [4498 आदमी प्रति मील वर्ग में रहते हैं।]

मालदीव की मुद्रा क्या है?

मालदीव देश में मुद्रा के रूप में “मालदीवियन रुफिया” मान्य है। अगर बात करे भारतीय रूपये का 1 रुपया मालदीव में 0.19 मालदीवियन रुफिया के बराबर है।

Maldives currency

 Credit-coin world

मालदीव मुस्लिम राष्ट्र है या हिन्दू राष्ट्र?

मालद्वीव एक मुस्लिम राष्ट्र है यहाँ लगभग 98.69 प्रतिशत मुस्लिम धर्म को मानते है।

मालदीव गणतंत्र की घोषित हुआ?

मालदीव को 1965 में ब्रिटेन से तो आजादी मिल गयी परन्तु राजा “फरीद दीदी” के तहत अगले तीन साल तक उनका शासन चलता रहा। परन्तु 11 नवंबर 1968 को राजशाही व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया। पहले राष्ट्रपति “इब्राहिम नारिसर” ने इसे गणतंत्र में बदल दिया

Link-https://hi.m.wikipedia.org

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