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Ratha saptami:- क्या, शुभ मुहूर्त ,ज्योतिषी का मत,पूजा अर्चना,भारतीय किसान,धार्मिक महत्व,सूर्य मंदिर भारत में
रथ सप्तमी
रथ सप्तमी हिन्दू समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला एक त्यौहार है। इसे ‘माघ सप्तमी’ भी कहा जाता है। इस त्योहार को माघ माह के शुक्ल पक्ष के सातवें दिन मनाया जाता है। इस बार 16 फरवरी अर्थात् शुक्रवार को यह पर्व मनाया जा रहा है। लोग सूर्य देवता का कृपा प्रसाद प्राप्त करने के लिए इसे मनाते हैं।यह पर्व सूर्य जन्म का प्रतीक है इसलिए इसे सूर्य जयंती के रूप में मनाया जाता है.
Credit-wikipedia
रथ सप्तमी को जाना जाता है-
रथ सप्तमी को “माघ सप्तमी“, “अचल सप्तमी” या “आरोग्य सप्तमी” से भी जाना जाता है।
शुभ मुहूर्त
रथ सप्तमी 15 फरवरी को सुबह 10:12 से 16 फरवरी को सुबह 8:55 तक जारी रहेगा।
ज्योतिषी का मत
ज्योतिषी के अनुसार रथ सप्तमी पर सूर्य देवता कुछ खास राशि वालों पर काफी प्रसन्न है। –
[1] मेष राशि
[2] मिथुन राशि
[3] कर्क राशि
[4] मीन राशि
[5] सिंह राशि
रथ सप्तमी की पूजा अर्चना
विशेष प्रयोजन में रथ सप्तमी पर स्नान कर साफ-सुथरा वस्त्र धारण करके सूर्य देवता को ताँबा के बर्तन से जल समर्पित करे, हो सके तो घर के आँगन या द्वार पर सात रंगों की रंगोली बनाये, रंगोली के मध्य में चार मुखी दीपक का प्रज्ज्वलन करें। अलग-अलग रंगों के फूलों से इनके चारों ओर सजाये। इस अवसर पर गायत्री मंत्र या सूर्य के बीज मंत्र का जाप भी सकते हैं। तत्पश्चात् गेंहू, गुड़, तिल, ताम्बा का बर्तन, वस्त्र आदि दान करें।
भारतीय किसान रथ सप्तमी के अवसर पर
भारतीय किसान इस पर्व में परिवर्तन और फसल कटाई की शुरुभात का प्रतीक मानते हैं। अधिकांश किसानों के लिए यह त्योहार नये साल की शुभ शुरुआत है। पूरे भारतवर्ष मैं सूर्य मंदिर है उसे बड़े धूमधाम से सजाया जाता है।
धार्मिक महत्व
ऐसी मान्यता है कि सूर्य देवता का सात घोड़ो द्वारा खींचा जाने वाला रथ को उत्तरी गोलार्ध की ओर उत्तर-पूर्व दिशा में मोड़ते हैं। सात घोड़ों का महत्व यह है कि इनकी तुलना इंद्रधनुष के सात रंगों से किया गया है।
दूसरी ओर सात घोड़े रविवार से शुरू होने वाले सप्ताह के सात दिनों का भी प्रतिनिधित्व करते हैं इस रथ में कुल 12 पहिये हैं जो राशि चक्र के 12 संकेतों का प्रतिनिधित्व करते हैं। रथ सप्तमी पूरे दक्षिण भारत में तापमान में क्रमशः वृद्धि का भी प्रतीक माना जाता है।
दंतकथाएं
रथ सप्तमी ऋषि कश्यप और उनकी पत्नी अदिति के घर में सूर्य के जन्म का प्रतीक माना जाता है। यही कारण है कि इसे सूर्य जयंती के रूप में भी बनाया जाता है।
सूर्य मंदिर भारत में
संपूर्ण भारत में जहाँ-जहाँ सूर्य मंदिर है वहाँ-वहाँ इन मंदिरों को काफी धूमधाम से सजाया जाता है। और सूर्य जन्म के उपलक्ष में रथ सप्तमी मनाया जाता है। सबसे प्रसिद्ध सूर्य मंदिर “ओडिशा का कोणार्क सूर्य मंदिर” है। जो विश्व धरोहर स्थल भी है। धरोहर स्थल कोणार्क के अलावा ओड़िशा में एक और सूर्य मंदिर है। बिरंचिनारायण मंदिर, बुगुड़ा, गंजम जिला गुजरात के मोढेरा में, चौलुक्य वंश के राजा भीमदेव द्वारा निर्मित, आन्ध्रप्रदेश के अरसवल्ली में और तमिलनाडु और असम में नबग्रह मंदिरों का समूह में सूर्य मंदिर हो जम्मू-कश्मीर में मार्तंड का सूर्य मंदिर हैI
Link-https://en.m.wikipedia.org/wiki/Ratha_Saptami
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16 February की घटनाएँ
[1] लॉस एंजिलिस और सैन फ्रांसिस्को के बीच 1914 में पहली बार विमान ने भरी उड़ान भरी थी।
[2] लुथियाना ने 1918 में खुद को स्वतंत्र घोषित किया।
[3] मिर्ज़ा ग़ालिब की 1969 में 100वीं यादगार पर डाक टिकटें जारी हुईं।
[4] 16 फरवरी, 1959 को क्यूबा की सत्ता में राष्ट्रपति फिलाडे कास्त्रों ने फुलगेनसियो बतिस्ता को हराया।
[5]क्रांतिकारी नेहरू इंटरनेशनल गोल्ड कप फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन 1982 में पहली बार कोलकाता में हुआ।
[6] मेरियो सोरेस 1986 में पुर्तग़ाल के प्रथम असैनिक राष्ट्रपति चुने गए।
[7] पनडुब्बी से मार करने की क्षमता वाली मिसाइल को 1987 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
[8] सैम नुजोमा 1990 में नामीबिया में सबसे पहले राष्ट्रपति चुने गये।
[9] 2001 में इराक पर अमेरिकी और ब्रिटिश पेटेंट पर हमला।
[10]विश्व की पहली क्लोन भेंण्ड डोली की 2003 में मृत्यु हो
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